Kabir ne kise kaha hai naiher aur kise sasuraal?

कबीर ने किसे कहा है नैहर और किसे ससुराल ?

कबीर का एक पद है जिसमें जिक्र आया है कि नैहर में उनका मन नहीं लग रहा है, वह ससुराल जाना चाहती है । कबीर ने अपने को स्त्री बना लिया है । क्यों ? यह बाद में देखेंगे । पहले पद की कुछ पंक्तियां रख लेते हैं । इससे विचार करने में सुविधा रहेगी—

Corona se sambandhit vaidh soochna

कोरोना से सम्बंधित वैध सुचना

कोरोना मानव सभ्यता पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह् है, हमें इस विषय को गम्भीरता से लेना चाहिए, इस संकट के समय में अफवाहों से दूर रहकर हमें अपने सरकारी विश्वस्त…
Footpath par shiksha ka alakh jaga rahe hain Patna ke Aman

फुटपाथ पर शिक्षा का अलख जगा रहे हैं पटना के अमन

बिहार की राजधानी पटना के बोरिंग रोड स्थित फुटपाथ कुछ युवकों के प्रयास से सूरज डूबने के बाद जगमगा उठते हैं. राजधानी के कुछ यूथ रोड के फुटपाथ पर मोबाइल…
Mahanari ka shahar Mahnar

महानारी का शहर “महनार”

कहानी वैशाली के महानारी आम्रपाली की, जिसे उसकी खूबसूरती ने बना दिया था नगरवधू| महानारी आम्रपाली के कारण ही हमारे शहर का नाम महनार रखा गया ।

Bajirao ne diya Mewar ko sammaan

बाजीराव ने दिया मेवाड़ को सम्‍मान

जनवरी का महीना और साल था 1736 ईस्‍वी । देश के शासकों के एक मजबूत संगठन के ध्‍येय को लेकर पेशवा बाजीराव (प्रथम, 1700-1740 ई.) ने मेवाड़ की ओर भी रुख किया । तब यहां के महाराणा जगतसिंह (द्वितीय) थे ।

Maulana Mazharul Haq ki yaad!

मौलाना मज़हरूल हक़ की याद !

देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर शिक्षाविद, लेखक और अग्रणी समाज सेवक मौलाना मज़हरुल हक़ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे योद्धाओं में रहे हैं जिन्हें उनके स्मरणीय योगदान के बावज़ूद इतिहास ने वह यश नहीं दिया जिसके वे हकदार थे ।

Vidya wahi jo sanskaron se mukti dila de

विद्या वही जो संस्कारों से मुक्ति दिला दे

वीडियो में जब शेर को किसी पशु का पीछा करते हुए देखता हूँ तो मेरी सारी संवेदना जान बचाने के लिए बेतहाशा भागते हुए पशुओं के पक्ष में हो जाती है । उस समय ऐसा तादात्म्य हो जाता है कि लगता है, पशु के साथ मेरे प्राण भी भागे जा रहे हैं । अगर वह बच गया तो प्राण लौट आते हैं ।

Duniya ki sabse karun premkatha

दुनिया की सबसे करुण प्रेमकथा

इन दिनों खोज-खोजकर प्राचीन विश्व की कुछ मिथकीय प्रेम-कहानियों के बारे में पढ़ रहा हूं। इनमें से ज्यादातर कहानियों का अंत बहुत त्रासद हुआ है। दुनिया भर में कही-सुनी जानेवाली ऐसी त्रासद प्रेमकथाओं में आयरलैंड की एक प्राचीन कहानी का ज़िक्र प्रमुख रूप से होता है।

Nuti Teesri Chitthi

नुति : तीसरी चिट्ठी

नुति की पहली और दूसरी चिट्ठी को लोगों ने खूब प्यार दिया । लेखक प्रवीण झा से लगातार तीसरी चिट्टी की डिमांड होने लगी तो लीजिए विचारबिन्दु पे प्रस्त्तुत है “नुति की तीसरी चिट्ठी” पढ़िये और अपनी प्रतिक्रिया आवश्य दीजिए ताकि “विचारबिन्दु” के इस डायरी  श्रृंखला को आगे बढ़ाया जा सके ।

Paltoo Bohemian ke kaaran main apni smritiyon mein laut gaya

“पालतू बोहेमियन” के कारण मैं अपनी स्मृतियों में लौट गया।

अच्छी किताब है। पतली भी। कई बार खोजा लेकिन किसी न किसी किताब के बीच दुबक जाती थी। कल पढ़ ही ली।  मज़बूत स्मरण शक्ति वाला ही संस्मरण लिख सकता है। प्रभात रंजन की पालतू बोहेमियन पढ़ते हुए लगा कि मनोहर श्याम जोशी से मिलते वक्त वे नज़र और स्मरण शक्ति गड़ा कर मिला करते होंगे। मनोहर श्याम जोशी से मैं भी मिला हूं। उसी साकेत वाले घर में कुछ दिनों तक जाता रहा हूं। फ़िल्म लेखन सीखने के लिए। अंधेरा लिए सुबह के वक्त बेर सराय से बस लेकर जाता था। समय के पाबंद थे। मुझे अब याद नहीं कि मैंने कैसे उनसे संपर्क किया था और उन्होंने क्यों हां कर दी। क्यों जाना छूट गया यह भी याद नहीं। लेकिन उनके घर जाता था। बैठकर स्क्रीप्ट की बारीकियां सीखता था और लौट कर बेर सराय के पार्क में खुले आसमान के नीचे फ्रेम सोचा करता था। उन्होंने सम्मान के साथ अपने गुर दिए। कभी बुरा अनुभव नहीं हुआ। पालतू बोहेमियन मेरी कमज़ोर स्मृतियों को चुनौती देने वाली किताब है। इसीलिए पढ़ता भी चला गया। वैसे व्यक्तिगत नाता नहीं भी होता तो भी यह पढ़ी जाने वाली किताब है।