रतन टाटा एक सफ़ल उद्योगपति
उधोग एवं व्यपार के क्षेत्र में कीर्ति पताका फहराने वाले भारतीय उधोगपति “टाटा समुह” के अध्यक्ष “रतन नवल टाटा” का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को मुम्बई में हुआ.
उधोग एवं व्यपार के क्षेत्र में कीर्ति पताका फहराने वाले भारतीय उधोगपति “टाटा समुह” के अध्यक्ष “रतन नवल टाटा” का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को मुम्बई में हुआ.
अद्भुत राजनीतिक प्रतिभा के धनी, राष्ट्र सेवक परम आदरणीय भारतरत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को MP में हुआ था ।
मित्रों वाल्टर बेंजामिन एक जर्मनी यहुद्दी दार्शनिक और सांस्कृतिक आलोचक थे इनका जन्म 15 जुलाई 1892 को हुआ , इन्होंने
विश्वविख्यात साहित्यकार, चित्रकार, दार्शनिक, शिक्षाशास्त्री रवीन्द्रनाथ टैगोर हमारे देश के एक गोरवशाली वक्तित्व, इनका जन्म 7 मई सन 1861 को कोलकाता में हुआ.
प्रिय पाठकों प्रस्तुत है, यूनान के प्रथम इतिहासकार और भूगोलवेत्ता Herodotus / हेरोडोटस महोदय से संबंधित लेख, इनका जन्म 484 BC में हुआ था एवं अवसान 425 BC में हुआ था ये। दुनिया के इस महान विचारक का संस्कृत नाम हरिदत्त था । इन्होंने लगातार आर्यों के मेड इतिहास पर अपनी नज़र बनाई रखी थी । इनके द्वारा ही फारस के मेड आर्य राजाओं के सही इतिहास का पता चलता है ।
सुकरात ग्रीस के एक बहूत बड़े चिन्तक व दार्शनिक थे. वे तर्कशास्त्र के प्रणेता थे. सही मायने में वे बड़े राजनीतिज्ञ थे. इनका जन्म 470 BC में एथेंस में हुआ था । 399 BC में उन्हें मृत्यु दंड दिया गया और वे संसार को अंतिम विदा कह गये.
महान दार्शनिक Aristotle / अरस्तु महोदय का जन्म 384 BC और अवसान 322 BC में हुआ था ये ग्रीक साम्राज्य के रहने वाले थे, ये प्लेटो के शिष्य थे, सिकंदर के गुरु एवं पश्चिमी दर्शनशास्त्र के महान व्यक्ति थे.
सुविख्यात वैज्ञानिक Thomas Edison का जन्म 11 फ़रवरी 1847, अवसान 18 अक्टूबर 1931 , 84 वर्ष की अवस्था में हुआ, थांमस अल्वा एडीसन अत्यधिक परिश्रमी और धेर्यशाली थे । वे एक लक्ष्य रखकर जिस प्रयोग को आरंभ करते, उसे अंतिम
इर्ष्या ‘जलन’ एवं इस प्रकार का व्यवहार slow poison का काम करता हैं, यदि आपका कोई शत्रु आपसे इर्ष्या कर रहा है, तो आप निश्चिंत हो जाएं. वह स्वयं अपने आप को मिटा रहा है.
“डॉ० कलाम” हमारे राष्ट्र के वो प्रतिभा थे, जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति, आर्थिक सम्पन्नता एवं सुरक्षा की दृष्टी से राष्ट्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. भारत के राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर चुके डॉ० कलाम को इनके योगदान के लिए सम्पूर्ण भारत में श्रद्धा और गौरव के साथ याद किया जाता रहेगा.