धीमा जहर है इर्ष्या

इर्ष्या ‘जलन’ एवं इस प्रकार का व्यवहार slow poison  का काम करता हैं, यदि आपका कोई शत्रु आपसे इर्ष्या कर रहा है, तो आप निश्चिंत हो जाएं. वह स्वयं अपने आप को मिटा रहा है. यदि आप भी इस दोष के शिकार हैं, तो इसे.. तुरंत मिटा दीजिये, क्योंकि इर्ष्या रखने से आज तक के इतिहास में किसी का भला नहीं हुआ है. healthy competition  के भावना से जुड़िए.

सभी इंसान में कोई-न-कोई खूबी होती है. आप अपने खूबी को ढूढे और उसे निखारने का प्रयास करें, पर दुसरे की सफलता देख कर इर्ष्या मत करें. सामने वाले में जो प्रतिभा है, उससे न तो ज्यादा प्रभावित होने की आवश्यकता है. और न ही अपने में हीनता का भाव ला कर ईर्ष्यालु बनने की. अपनी प्रतिभा को पहचानकर सकारात्मक सोच के जरिए उसका पूरा इस्तेमाल कीजिये. निश्चिंत रूप से आपको सफलता प्राप्त होगी.


  • ‘भय’ मन की व्यर्थ उपज है, यह आत्मविश्वास को कमजोर करता है. अत: आप इस भाव को मन से निकाल दें.
  • जो होना है सो होकर रहेगा – यह ईश्वर का विधान है, अत: भय मुक्त हो कर अपने वर्तमान को सुख-शांति से बिताएं और भविष्य का सार्थक चिंतन करें.
  • शक अथवा वहम निराधार है – एक काल्पनिक रोग है, जो कई रोगों को आमंत्रण देता है.
  • ऐसा बिलकुल न कहें – ‘चेहरा क्यों उतरा हुआ है’ या ‘आज बीमार से लगते हो’ ,अथवा ‘यह क्या रोग पाल रखा है’ ये वाक्य किसी के उत्साह को भंग करते हैं.
  • किसी में विशेष मोह रखने से ‘भ्रम’ की उत्पति होती है: अत: मन को स्वस्थ रखें.
  • अच्छे व बुरे विचारों की पहचान करके गलत विचारों की और से ध्यान हटाएं.
  • संकोचपन हटाने के लिए आप उसी कार्य को पहले करें, जिसमें आपको भय लगता हो.
  • आपके चेहरे की मुस्कान संदेश देती है – ‘आओ, मैं खुश हूँ, मुझसे बात करो.’
  • क्रोध से बुद्धि और स्मरण शक्ति का नाश होता है, अत: जरूरी है की क्रोध पर नियंत्रण रखें
  • ‘इर्ष्या’ मन की दुर्बलता है, यह वयक्तित्व और स्वस्थ के लिए घातक है. जरूरी है, की आप इर्ष्याजनक व्यवहार से बचें.

Quote : प्रायः समान विद्या वाले लोग एक-दुसरे के यश से इर्ष्या करते हैं ।

– कालिदास

Quoteइर्ष्या असफलता का दूसरा नाम है । इर्ष्या करने से अपना ही महत्व कम होता है.

– चाणक्य

Quoteईर्ष्यालु मनुष्य दूसरों की सुख-समृद्धि देखकर दुबला हो जाता है.

– लेटिन लोकोक्ति

Quoteहत्यारे की कुल्हारी के तुलना में इर्ष्या की धार दो गुणी तेज होती है.

– शेक्सपियर

Quoteइर्ष्या करने वालों का सबसे बड़ा शत्रु उसकी इर्ष्या है.

– संत तिरुवल्लुवर

Quoteजिस प्रकार किट वस्त्रों को काट डालता है, उसी प्रकार इर्ष्या मनुष्य को नष्ट कर देती है

– संत क्रिसोस्तम

Quoteपूर्वी लोकोक्ति है की परोसी की मुर्गी में भी हमें हंस प्रतीत होती है.

– मदाम डेलुजी

Quoteमहान पुरूषों पर अधिकांश व्यक्ति भौकतें हैं, जैसे की किसी अजनबी को देख कर कुत्ते भौकतें हैं.

– सेनेका

Quoteकेवल इर्ष्या ही वह भावना है, जो शांत नहीं रहती, बल्कि हमेशा किसी न किसी कारन से उत्तेजित होती रहती है.

– सेम्युअल जाँनसन

Quoteजैसे जंग लगने से लोहा ख़राब हो जाता है, वैसे ही इर्ष्या के कारण मनुष्य नष्ट हो जाता है.

– यूनानी लोकोक्ति

Quoteशांत मन तन का जीवन है, परन्तु मन के जलने से हड्डियाँ भी जल जाती है.

– बाइबल

Quoteइर्ष्या मनुष्य को ठीक उसी प्रकार खा जाती है, जिस प्रकार कपड़े को कीड़ा खा जाता है.

– श्रीराम शर्मा आचार्य

Quoteइर्ष्या करने वाले मनुष्य में स्वयं कुछ बनने की महत्वाकांक्षा नहीं होती, अपितु उसकी अभिलाषा होती है कि दूसरा भी मार्गपतित होकर उसके सामने हो जाये । इसीलिए इर्ष्या को पाप माना गया है.

– ‘चढ़ती कला’ से

Quoteगरीबोँ में यदि इर्ष्या है, तो स्वार्थ के लिए या पेट के लिए, जबकि बड़े आदमियों की इर्ष्या केवल आनंद के लिए है.

– प्रेमचंद्र (गोदान)

Quoteइर्ष्या एक बिच्छु की भांति है जो ज्वाला से घिर गया हो । अपने आप को ही डंक मरती हुई मिट जाती है.

– लुकमान

Quoteदूसरों की संपत्ति देख कर मन में इर्ष्या का भाव रखने वाले दुर्बल हो जाते हैं.

– होरेस

Quoteसबकी उन्नति में ही अपनी उन्नति जान कर कभी किसी के साथ इर्ष्या न करो.

– अथर्ववेद

Quoteजिसके अंदर इर्ष्या की प्रवृति जड़-मूल से नष्ट हो गयी है, वह हमेशा ही दिन हो या रात मानसिक शांति का अनुभव करेगा

– धम्मपद

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