Pura barsaat bina machhli ke kaur nahi uthta tha.

पूरा बरसात बिना मछली के कौर नहीं उठता था

मूसलाधार बारिश हो रही थी । रह-रह कर बिजली कड़क जाती । यह आषाढ़ की पहली झमटगर वर्षा थी । मैं बिस्तर पर लेटे-लेटे सुबह होने का इंतजार कर रहा…
1954 ka Bihar ka sookha.

1954 का बिहार का सूखा

बिहार में किसी भी बुज़ुर्ग से बाढ़ के बारे में पूछिए तो वह 1954 की बाढ़ का ज़िक्र बड़ा रस लेकर बतायेगा. उससे पूछिए कि बाढ़ के बाद सूखा भी पडा था तो यह बात उसे याद नहीं आयेगी मगर यह सच है.

Nuti Pehli Chitthi

नुति : पहली चिट्ठी

नुति को नहीं पता कि कहाँ से शुरुआत हो । …मगर हाँ, फ़िलहाल शायद उसे बस एक माध्यम चाहिए जिसे वो अपनी बात कह सके । उसके मन की वो सारी बातें जो समाज-परिवार के बनाये नियमों के अंदर फिट नहीं बैठते ।

Desh ka pehla ‘Pustak Gaon’

देश का पहला ‘पुस्तक-गाँव’

सतारा के पंचगनी से लेकर महाबलेश्वर तक की सरजमीं को सुरम्य बनानेवाली पहाड़ी जनपद में छोटी-सी बस्ती है – भिलार । मुश्किल से दो ढ़ाई सौ परिवारों वाली किसानी बस्ती । आबादी यही कोई 28-29 सौ के बीच ही ।  बस्ती से दूर – खेतों और बगीचों की ओर चलें जायें तो जीभ की सरसता बढ़ जाये और बस्ती के भीतर – घरों और दालानों तक पहुँच जायें तो मन-आत्मा की सरसता ।
MDM Shiksha jagat par badnuma daag

एमडीएम : शिक्षा जगत पर बदनुमा दाग

अभी पिछले दिनों एमडीएम के तहत विद्यालयों में नमक-रोटी परोसे जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद मैं बहुत आशान्वित था कि इस पूरे मामले पर व्यापक विमर्श होगा और एमडीएम की परत दर परत उधेड़े जाएंगे।

Mahatma Gandhi, Parchure Shastri aur Sevagram

महात्मा गांधी, परचुरे शास्त्री और सेवाग्राम

ये सेवाग्राम स्थित परचुरे शास्त्री की कुटी है। संस्कृत के विद्वान परचुरे शास्त्री ने कुष्ठग्रस्त होने के बाद अपने आख़िरी दिन सेवाग्राम आश्रम में ही बिताए थे। नारायण देसाई ने अपनी किताब ‘बापू की गोद में’ परचुरे शास्त्री से महात्मा गांधी के लगाव पर मर्मस्पर्शी ढंग से लिखा है। वह अंश पढ़ें :
Dr. Vikram Sarabhai ki jeevani va vichar

डॉ० विक्रम साराभाई की जीवनी व विचार

विक्रम साराभाई ( 12 अगस्त 1919 – 30 दिसम्बर 1971 ) देश के प्रमुख वैज्ञानिकों में से थे. उनका जन्म अहमदाबाद गुजरात में अम्बालाल साराभाई और सरला देवी के परिवार में हुआ था. उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में शिक्षा ग्रहण किया. भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर देश की उपस्थिति दर्ज कराने में इनका अहम योगदान है. साराभाई ने अन्य क्षेत्रों जैसे वस्त्र, ओषधि, परमाणु उर्जा, इलेक्ट्रोनिकस आदि में भी समान रूप से योगदान दिया. डॉo साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) की स्थापना इनकी महान उपलब्धियों में से है. इन्हें 1962 में शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार, 1966 में पद्मभूषण पुरस्कार और 1972 में पद्मविभूषण ( मरणोपरांत ) प्रदान किया गया.
Haath chhoote bhi to rishte nahin chhoota karte

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छूटा करते

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है- ऐसा कभी अरस्तु ने कहा था। कभी-कभी सोचता हूं गर संसार में रिश्ते नहीं होते तो भी क्या मनुष्य सामाजिक प्राणी होता ! या फिर समाज का निर्माण हीं संभव हो पाता ! नहीं ना ।