समय-समय पर अपना आकलन करते रहें..

जीवन में ऐसी बहूत सारी परिस्थितियां आती हैं, जब हम खुद को लेकर अनिश्चित हो जाते हैं. इस अनिश्चितता से निकलने के लिए इन बातों को ध्यान में रखिए.

  • आप जो भी कहानी खुद को सुना रहे हैं, याद रखिये की आप उसी कहानी के इर्द-गिर्द अपना जीवन व्यतीत कर रहें हैं.

  • खुद के बारे में आपको जो भी गलत विचार आ रहें हैं, उन्हें बदला जा सकता है और उन विचारो पर विश्वास करने का कोई मतलब नहीं है.

  • जिस वक्त आप खुद को सच बताते हैं, दरअसल वही वक्त आपके लिए सबसे ज्यदा अमूल्य और कीमती है. खुद की तरफ़ थोड़ा-सा ध्यान देना या खुद पर थोड़ा-सा फोकस रखना जिन्दगी भर आपके साथ चलता है.

  • लोग आपके बारे में क्या सोच रहें हैं, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. फर्क इस बात से पड़ता है की दुसरे आपके बारे में जो सोच रहें हैं, आप उस बारे में क्या सोच रहें हैं.

  • काम करने का या जिन्दगी जीने का हर वक्ति का अपना अलग तरीका होता है, और उनके इस तरीका का आपके तरीके से कोई लेना-देना नहीं रहता है.

  • आपके आस-पास क्या चल रहा है, अगर आप उन चीजो के बारे में सोच नहीं रहे हैं तो आप खुद को बर्वाद कर सकते हैं.

  • संघर्ष करिये, क्योंकि संघर्ष करने से फयदा ही होगा. इससे कोई भी नुकसान नहीं होगा. संघर्ष आपको बनता है तोड़ता नहीं.

  • आप जितना ज्यदा सीखते हैं, उतना आपको पता चलता है की आप कुछ भी नहीं जानते हैं.

  • दोस्तों बशिर बद्र ने कहा था “अपना दिल भी टटोल कर देखो फासला बेवजह नहीं होता , कोई कांटा चुभा नहीं होता दिल अगर फुल सा नहीं होता “

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