विलियम शेक्सपियर अंग्रेजी के कवि और नाटककार

विलियम शेक्सपियर अंग्रेजी के कवि और नाटककार थे. इनका जन्म इंग्लैंड के स्टेटफोर्ड-ऑन-इवान नामक स्थान पर 1564 में हुआ था, शेक्सपीयर में अत्यंत

शिक्षित बनों, संगठित रहो, संघर्ष करो

महान विधिवेता, समाज सुधारक एवं भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के संछिप्त जीवन परिचय एवं इनके प्रेरणात्मक विचारों का संग्रह.

बेंजामिन फ्रैंकलिन के प्रेरक विचार

महान लेखक, व्यंगकार, वैज्ञानिक, आविष्कारक, सैनिक, राजनितिक व सामाजिक कार्यकर्त्ता, एवं संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापकों में से एक थे.

आईज़ैक असिमोव के प्रेरक विचार

बोस्टन विश्वविद्यालय में जैव-रसायन के प्रोफेसर, और लेखन के क्षेत्र में सर्वाधिक कार्य करने वाले अमेरिकी लेखक “आइजैक असिमोव” को विज्ञान की लोकप्रिय किताबों के लिए जाना जाता है. इनका जन्म 2 जनवरी 1920 में और अवसान 6 अप्रेल 1992 को हुआ.

कवि माइकल एंगेलो के प्रेरक विचार

महान मूर्तिकार, चित्रकार, आर्किटेक्चर और कवि माइकल एंगेलो का जन्म इटली के फ्लोरेंस में 6 मार्च, 1475 को हुआ था. वेस्टर्न आर्ट के विकास में इनकी अहम भूमिका रही है. “अंतिम न्याय”  एवं  “मानव का पतन” नामक इनका कलाकृति  बहूत ही प्रचलित है.

जीन पीगे Jean Piaget के प्रेरक विचार

जीन पीगे / Jean Piaget एक महान दार्शनिक और मनोवेज्ञानिक थे. इनका जन्म स्विट्जरलैंड में हुआ था. बच्चों के विकास के विषय पर इन्होंने गहन और विश्लेश्नात्मक अधयन किया एवं कई पुस्तक भी लिखे. 

नेल्सन मंडेला के प्रेरक विचार

संपूर्ण विश्व में रंगभेद निति के विरोध के प्रतीक नेलशन मंडेला महोदय का संछिप्त जीवन परिचय एवं प्रेरणात्मक विचारों का संग्रह. इन्हें नोबेल शांति पुरस्कार/भारत रत्न/गाँधी शांति इत्यादि पुरस्कारों से नवाजा गया है.

मलाला युसुफ़जई के प्रेरक विचार

मलाला का जन्म 12 जुलाई 1997 को हुआ और 12 जुलाई 2013 को सबसे कम उम्र 17 वर्ष की अवस्था में नोवेल शांति पुरस्कार विजेता बनी. आइए जाने इनके प्रेरणात्मक विचार.

थामस जेफरसन के प्रेरक विचार

थामस जेफरसन / Thomas Jefferson अमेरिकी ‘स्वतंत्रता की घोषणा’ के मुख्य लेखक थे. जेफ़रसन एक राजनितिक दार्शनिक व संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थे. इनका जन्म 13 अप्रेल 1743 एवं अवसान 4 जुलाई 1826 को हुआ था.

आचार्य चाणक्य के 100 प्रेरणात्मक विचार ..

चाणक्य का पूरा नाम विष्णुगुप्त कौटिल्य था । इन्होंने  विदेशी आक्रमण से त्रस्त टूटे-फूटे और बिखरे हिंदुस्तान को एकता के सूत्र में गूँथ कर उसे एक दृढ़ राजनितिक आधार प्रदान किया ।