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सौराठ : मिथिला की एक सांस्कृतिक स्थल
सौराठ मिथिला (उत्तर बिहार) के मधुबनी जिले में स्थित एक ऐतिहासिक-सांस्कृतिक गाँव है। यह मिथिला के उन गांवों में से एक है, जो मिथिला के सांस्कृतिक इतिहास में अपने विशाल…
एक ऐसा शख्स जो विविधतापूर्ण भारतीय संस्कृति में समन्वयकारी तत्वों की खोज में ताउम्र लगा रहा। जो सच्चे अर्थों में धार्मिक सहिष्णुता एवं धर्म निरपेक्षता का हिमायती था। भारतीय इतिहास द्वारा विस्मृत एक अनोखा एवं अद्भुत व्यक्तित्व जिसे सूफियों एवं मनीषियों की पंगत में बैठना अच्छा लगता था।हुमायूं एवं अकबर के गुणों से लैस था वह, तभी तो उसे “छोटा अकबर” कहा जाता है।
कहानी वैशाली के महानारी आम्रपाली की, जिसे उसकी खूबसूरती ने बना दिया था नगरवधू| महानारी आम्रपाली के कारण ही हमारे शहर का नाम महनार रखा गया ।
जनवरी का महीना और साल था 1736 ईस्वी । देश के शासकों के एक मजबूत संगठन के ध्येय को लेकर पेशवा बाजीराव (प्रथम, 1700-1740 ई.) ने मेवाड़ की ओर भी रुख किया । तब यहां के महाराणा जगतसिंह (द्वितीय) थे ।