सुख शांति के मंत्र – गौतम बुद्ध
“दुःख के कारण तुम हो, तुम्हारे सुख के कारण तुम हो और दूसरों को दुःख देने से तुम कभी सुख न पा सकोगे । दूसरों को सताने से तुम कभी उत्सव न मना सकोगे ।”
“दुःख के कारण तुम हो, तुम्हारे सुख के कारण तुम हो और दूसरों को दुःख देने से तुम कभी सुख न पा सकोगे । दूसरों को सताने से तुम कभी उत्सव न मना सकोगे ।”
प्रस्तुत है, विचार बिंदु का यह अंक “ज्ञान की बातें” जिसमें 100 ऐसी बातें हैं । जिसका अनुकरण करना हमारे जीवन में अतिआवश्यक है ।
विलियम शेक्सपियर अंग्रेजी के कवि और नाटककार थे. इनका जन्म इंग्लैंड के स्टेटफोर्ड-ऑन-इवान नामक स्थान पर 1564 में हुआ था, शेक्सपीयर में अत्यंत
एक ब़ार स्वामीजी जयपुर में दो सप्ताह के लिए ठहरे थे. इस दौरान एक व्याकरण के विद्वान से उनकी भेंट हुई. परिचय होने के पश्चात स्वामीजी उनसे
यह पाउलो कोएलो की लिखी एक प्रेरक कथा है – नारसिसस एक यूवक था जो झील के किनारे अक्सर बैठा करता था. एक दिन उसने झील के पानी में
राजा उदयन की पत्नी ने एक बौद्ध मठ को 500 चादरें दान में दी. आयुष्मान आनंद नाम का एक भिक्षु वह चादरें लेने महल में आया.
एक बार एक जूता बनाने की कम्पनी ने दो यूवकों को मार्केटिंग ऑफिसर बना कर एक द्वीप पर भेजा ताकि वो वहाँ पर उस कम्पनी के बने
प्रिय पाठकों प्रस्तुत है रामधारी सिंह “दिनकर” की प्रसिद्ध रचना……..
“वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,
सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर।
महान विधिवेता, समाज सुधारक एवं भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के संछिप्त जीवन परिचय एवं इनके प्रेरणात्मक विचारों का संग्रह.
महान दार्शनिक अरस्तु महोदय से संबंधित एक प्रेरक प्रसंग मेरा गुरु कौन ? मुर्ख या विद्वान. एक बार एक विद्वान यूनान के दार्शनिक अरस्तु से मिलने गये.