बुढ़िया, हँसुआ, घास और विकास

दोपहर बीत चुकी है । फागुन की ठंडी हवाओं ने कब करवट ली और चैत्र मास के लूँ के थपेड़ों ने मन को विचलित करना शुरू कर दिया यह पता ही नहीं चला । दलान से…

जाति नहीं व्यव्स्था बदलो ; अविनाश

उस दलित बस्ती के चौक पर बैठकर ब्राह्मण होने के कारण हमने जितनी गालियां सुनी थी उसकी कल्पना हमने सपनों में भी नहीं की थी । सच कहूं उस दिन मुझे पता चला मैं ब्राह्मण हूं, नहीं तो देश के विभिन्न…

मैथिली बोलतें हैं शान से

मैं भी एक मैथिल हूँ । मातृभाषा मैथिली है । कहते हैं दुनिया की सबसे मीठी भाषा है, लेकिन 21वीं सदी में मुझे भी अपनी मातृभाषा बोलने में गर्व महसूस नहीं होता तो हमने भी हिंदी और अंग्रेजी को अपना लिया । सोचा था..

’गाँव-गरीब-दलित-महादलित-किसान-मजदूर-अल्पसंख्यक-हिन्दू-मुसलमान’

“किडनी पर ज्यादा लोड मत लो राजू…..मैंने पहले ही समझाया था….शहर छोड़कर गाँव मत आओ…जब-तक सूट-बूट में हो तभी तक सरकार है, हमारी तरह लुंगी-गंजी-कुदाल से पहचान होगी तो सिर्फ सरकारी जुबान में रहोगे…’

सुबह सवेरे उठने के फ़ायदे

जीवन में सफल होने के लिए व्यक्ति को अपने दिनचर्या के अनुकूल ही चलना चाहिए. परन्तु आज के भाग-दौर और फेसबुक / whats app वाली जिन्दगी में ऐसा कहाँ हो पाता है.

श्री श्री रविशंकर के अनमोल विचार

आध्यात्मिक नेता एवं मानवतावादी धर्मगुरु, आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर का जन्म 13 मई 1956 को तमिलनाडु में हुआ, रवि शंकर कहते हैं कि

एक किसान की जिंदगी- खलिहान से लाइव

Kishanएक किसान दम्पति सुबह ४ बजे उठते हैं, नित्य-क्रिया से निवृत झाड़ू उठाकर मवेशी को बाहर निकालकर बाँधने के लिए सफाई शुरू कर देते हैं ।

पुस्तकें जो बदल दे आपकी जिन्दगी

संदीप महेश्वरी एक सफल Entrepreneur जो किसी परिचय के मोहताज नहीं उनके द्वारा suggest किया गया 26 पुस्तक जिसे आवश्य ही पढ़ना चाहिए । आइए पढ़ें क्या कहते हैं इन पुस्तकों के विषय में …