लघुकथा – संगीत का ज्ञान 

यह बुद्ध के जीवन से सम्बंधित कहानी है । एक दोपहर को जब बुद्ध ध्यानमग्न थे । पास- पड़ोस से बहुत सारी आवाजें आ रही थीं । एक संगीतकार किसी दूसरे संगीतकार से बातचीत कर रहा था ।

बाबा विद्यापति और इनकी एक रचना- जय जय भैरवी ।

एक रचनाकार अपने जीवन काल मे अनगिनत रचना करता है । जिसमे से मात्र कुछ ही रचना लोकप्रिय हो पाती है और साथ ही रचनाकार को प्रसिद्धि दिला पाती है , अपवाद स्वरूप मात्र कुछ ही ऐसे रचनाकार है जिन्होने मात्र कुछ रचना की और उसी से प्रसिद्ध हुए ।

मैं अपने घर का बादशाह हूँ

उपन्यास सम्राट प्रेमचंद अत्यंत स्वाभिमानी प्रकृति के व्यक्ति थे । उन्होंने तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रस्तावित राय साहब की उपाधि लेने से इनकार कर दिया था, और कहा था । “मैं जनता का लेखक हूं, और जनता के लिए ही लिखते रहना चाहता हूं । रायसाहब बनने के बाद मुझे सरकार के लिए लिखना पड़ेगा । जो मुझे कतई स्वीकार नहीं है । “

बहस ! एक चाय वाले से तीन रूपया के लिए

ऊपर वाले बर्थ पर लेटा हुआ था । चाय बेचने वाला आया और मैंने एक चाय की आर्डर कर दी । पिछले एक साल से रेलवे में सफ़र करते हुए 10 रूपया का नोट निकाल कर देने की आदत हो गयी थी तो दे दिया । फिर..

सफलता के मूल मंत्र Success Tips and Ideas

सफलता के मूल मंत्र Success Tips and Ideas आखिर वह कौन सी शक्ति है जो हमारी सफलता या असफलता निर्धारित करती है ? क्या हमारी सफलता को हमारा भाग्य निर्धारित करता है  या कोई और ?