योग करो निरोग रहो

तनाव भरी जीवन शैली में अगर आप कुछ समय निकालकर योग (Yoga Aasans aur Exercise) करते हैं, तो शरीर में दिन भर उर्जा (Energy) बरकरार रख सकते हैं । आपका स्टैमिना बढ़ता है, शरीर लचीला और मजबूत बनता है । स्फूर्ति बनी रहती है,  और आप स्वस्थ रहते हो । पढ़ें : योग करो निरोग रहो !

ऐसा देखा गया है योग (Yoga Aasans) वास्तव में मानव तन के लिए फायदेमंद है । इसके निरंतर प्रयास से तो असाध्य से असाध्य रोग से भी छुटकारा मिलता है। आदि कल से ही ऋषि मुनि योग किया करते थे । वर्तमान समय में योग का महत्व तो इतना बढ़ गया है की सम्पूर्ण विश्व ने इसको स्वीकार किया है । इस आधार पर आप इसके फ़ायदे को बखूबी समझ सकते हैं ।

भारतवर्ष के आग्रह पर U N O जैसी संस्था ने 21 जून 2015 को इसे स्वीकार किया और  21 जून को विश्व योग दिवस मनाने की घोषणा की । सयुंक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्था द्वारा भारतवर्ष को विश्व कल्याण हेतु योग गुरु के रूप में स्वीकार करना बहूत बड़ी बात है । “योग करें निरोग रहें” (Yoga Aasans and Poses)  के इस अंक में हम जानेगें योग के कुछ विशेष आसन के विषय में ।

योग के प्रकार/Types of Yoga Aasans In Hindi

Types of Yoga Aasans with Pictures

धनुरासनDhanurasana

इस आसन में शरीर धनुष के आकर में होता है । इसे करने से छाती मजबूत होती है, पचंत्न्त्र मजबूत होती है, फेफरों में ऑक्सीजन  का प्रवाह ठीक से होता है और रक्त संचार ठीक रहता है । जिससे शरीर में उर्जा बनी रहती है। साथ ही इसके अभ्यास से स्टैमिना भी बढ़ता है । इससे रक्त के toxins  दूर होते हैं, जिससे त्वचा साफ़ होती है और स्वस्थ रहती है ।

bow-pose

इसे करने के लिए सबसे पहले चटाई पर पेट के बल लेट जाएँ । ठुड्डी जमीन पर रखें । पैरों को घुटनों से मोड़े और दोनों हाथों से पैरों के पंजे पकड़े । फिर साँस भर लीजिए और बाजु सीधे रखते हुए सिर, कंधे, छाती को जमीन से ऊपर उठाएं ।

इस स्थिति में साँस समान्य रखें और चार-पांच सकेंड के बाद साँस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पहले छाती , कंधे और ठुड्डी को जमींन की ओर लाएं ।

पंजो को छोड़ दें और कुछ देर विश्राम करें । इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार दोहराएँ ।

भुजंगासनBhujangasana

भुजंगासन के नियमित अभ्यास से कंधे,बाजु और शरीर का उपरी हिस्सा मजबूत होता है । मसल्स बनाना चाहते हैं तो इसका अभ्यास आपके लिए फायदेमंद है । यह शरीर को सुगठित करने और स्टैमिना बढ़ाने में मददगार है ।

हाँ , हर्निया और अल्सर से रोगी इसको न करें ।

Bhujangasana

पेट के बल सीधा लेट जाएँ और दोनों हाथों को माथे के निचे टिकाएं । दोनों पैरों के पंजो को साथ रखें । अब माथे को सामने की ओर उठाएं और दोनों बाजुओं को कंधो के समांतर रखें जिससे शरीर का भार बाजुओं पर पड़े ।

अब शरीर के अग्रभाग को बाजुओं के सहारे उठाएं । शरीर को स्ट्रेच करें और लंबी साँस ले ।

कुछ सकेंड इसी अवस्था में रहने के बाद वापस पेट के बल लेट जाएँ ।

पश्चिमोत्तानासनPaschimottanasana

इस आसान की मदद से शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है जिससे जोश बना रहता है । यह पाचनतंत्र ठीक रहता है और शरीर को लचीला बनता है । पेट में जमा फैट कम करने के लिए यह सबसे उपयोगी आसन है ।

Paschimottanasana

इसे करने के लिए सीधा बैठ कर दोनों पैरों को सामने की ओर सटा कर सीधा फैलाएं । दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और कमर को बिलकुल सीधा रखें । फिर झुक कर दोनों हाथों से पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ने की कोशिश करें ।

ध्यान रहे इस दौरान आपके घुटने न मुड़ें और यह ध्यान रखें कि आपके पैर जमीन से ऊपर न उठें ।

कुछ सेकेण्ड इस अवस्था में रहने के बाद वापस समान्य अवस्था में आ जाएं ।

सर्वांगासनSarvangasana

थायराइड पर नियंत्रण के लिए अक्सर डॉक्टर कसरत या शारीरिक श्रम की सलाह देते हैं । ऐसे में सर्वंगासन के नियमित अभ्यास से आपको मदद मिल सकती है । यह आसनी से थायराइड ग्लैंड नियंत्रित होता है और शरीर के पाचन से लेकर रीढ़ की हड्डी तक की क्रियाएं सुचारू होती हैं ।

sarvangasana

जमीन पर पीठ के बल सीधे बैठ जाएँ । अब घुटने मोड़ते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और हथेलियों से कमर को सहारा दें । धीरे-धीरे पंजो को ऊपर की ओर ले जाएँ, जिससे पैरों का भार आपकी कोहनी और हथेली पर पड़े । कुछ क्षण इस अवस्था में रहने के बाद पैरों को निचे लायें और समान्य मुद्रा में लेट जाएँ ।

कुछ देर श्वसन में रहें और फिर समान्य हो जाएँ ।

ध्यान रखें गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर अगर चोट है या फिर हाई बीपी है तो यह आसन न करें ।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *