जिसके कारण मिट्टी भी चन्दन है राजस्थानी

रानी पद्मावती प्रसंग से जुड़े पंडित नरेंद्र मिश्र की लोकप्रिय कविता ‘पद्मिनी-गोरा-बादल‘ “दोहराता हूँ सुनो रक्त से लिखी हुई क़ुरबानी, जिसके कारण मिट्टी भी चन्दन है राजस्थानी ।” डॉ कुमार विश्वास द्वारा इस कविता की प्रस्तुती का विडियो भी आवश्य देखें !

कवियत्री भारती झा की पाँच कविताएँ

“कवियत्री भारती झा की पाँच कविताएँ”  भारती झा दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा हैं । साहित्य में रूचि रखती हैं, हिंदी तथा मैथिली में निरंतर कविताएँ लिखती हैं । आईये विचारबिंदु के इस अंक में पढ़ते हैं इनकी हिंदी की कविताएँ  । 

बाबा नागार्जुन की कविताएँ

प्रस्तुत है, वैद्यनाथ मिश्र “यात्री” यानी बाबा नागार्जुन की कविताएँ बादल को घिरते देखा है,  कालिदास! सच-सच बतलाना !बांकी बच गया अंडा, इन घुच्ची आँखों मेंअकाल और उसके बाद ।

कवि मैथिलीशरण गुप्त की प्रेरणात्मक कविताएँ

कवि मैथिलीशरण गुप्त की कुछ प्रेरणात्मक कविताएँ/ कालजयी रचना जो हमें प्रेरणा देता है । आईये पढ़ें कविता ( “नर हो, न निराश करो मन को” एवं “मनुष्यता” ) 

शायर-ए-आज़म मिर्ज़ा ग़ालिब

शायर-ए-आज़म मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्म 27 दिसंबर 1776 को आगरा में हुआ था. इनका पूरा नाम मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ “ग़ालिब” था. ये उर्दू एवं फारसी