अटल जी की 5 प्रसिद्ध कविताएँ

अटल जी कहते थे, “मेरी कविता जंग का एलान है, यह पराजय की प्रस्तावना नहीं | वह हारे हुए सिपाही का नैराश्य-निनाद नहीं, जूझते यौद्धा का जय संकल्प है, वह निराशा का स्वर नहीं, आत्मविश्वास का जयघोष है |”

कविता – जुवेनाइल मुहब्बत

समय की करवटों ने बहुत कुछ बदला है । लड़के अब ड्यूड और लड़कियाँ बेब्स कही जाने लगीं हैं । पॉकेट मनी सीसीडी और पब को नशीब हो रहा है । खतों की सिसकियाँ रिंगटोन में बजने लगी है । हर जगह..

पाँच बाल कविताएँ

प्रस्तुत है पाँच बाल कविताएँ ।  “माँ, कह एक कहानी”- मैथिलीशरण गुप्त / “बचपन जिंदाबाद !” – शादाब आलम /  “टेसू राजा अड़े खड़े” –  रामधारी सिंह दिनकर /  “सुबह” – श्रीप्रसाद / “सतरंगे बादल”  – पूनम श्रीवास्तव ।

मेरे जन्मदिन पर…….

कुछेक वर्ष पहले मेरे जन्मदिवस पे मेरे पिता ने मुझे इस जीवनोपयोगी कविता से उपहृत किया था। मैं न्यूनाधिक्य मूढ़ पता नहीं कितना कसूँगा इस के कसौटी पर…

रामधारी सिंह दिनकर – कुरुक्षेत्र

रामधारी सिंह दिनकर का जन्म : 23 सितम्बर 1908 को बिहार के मुंगेर जिला के सिमरिया में हुआ था. दिनकर जी वीर रस के सर्वश्रेष्ठ कवि के रूप में प्रख्यात हुए.

कविता – झाँसी की रानी

भारतीय स्वंत्रता संग्राम के इतिहास की वीरांगना “झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई” जो 23 वर्ष की अवस्था में ही ब्रिटिश सैनिकों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गई. आईये पढ़ते हैं सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता  “झाँसी की रानी” 

पांडव का संदेश – रामधारी सिंह दिनकर

प्रिय पाठकों प्रस्तुत है रामधारी सिंह “दिनकर” की प्रसिद्ध रचना……..

“वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,

सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर।

कविता – नेताजी सुभाषचंद्र बोस

महान स्वतंत्रता सेनानी,  जिनका नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है, जय हिन्द के घोष करने वाले, ऐसे महापुरुष नेताजी सुभाषचंद्र बोस से संबंधित एक कविता.