क्या किसी अजनबी से प्रेम हो जाना मात्र एक कल्पना है ?
किसी अजनबी से प्रेम का हो जाना, इसकी पुष्टि करने के लिए अभी तक कोई संस्था ब्रह्माण्ड में नहीं है और न इसकी डिग्री नापने के लिए किसी भी तरह के यूनिट व् किसी प्रकार के बैरोमीटर का आविष्कार अभी तक नहीं हो पाया है फिर भी व्यक्ति अपने विवेक का उपयोग करके इस बेहद से कल्पनाशील भाव में अपनी जिंदगी या तो अपने प्रेम के साथ गुजार देता है नहीं तो विरह में अकेले रह जाता है और बहुत से केस में वो अपने शारीरिक जरूरतों के कारण समाज द्वारा अप्रूव्ड रिश्ते में खुद बाँध लेता है और कल्पना का गुब्बारा फोड़ देता है |