दुनिया की सबसे करुण प्रेमकथा

इन दिनों खोज-खोजकर प्राचीन विश्व की कुछ मिथकीय प्रेम-कहानियों के बारे में पढ़ रहा हूं। इनमें से ज्यादातर कहानियों का अंत बहुत त्रासद हुआ है। दुनिया भर में कही-सुनी जानेवाली ऐसी त्रासद प्रेमकथाओं में आयरलैंड की एक प्राचीन कहानी का ज़िक्र प्रमुख रूप से होता है।

प्यार-व्यार ; अविनाश कुमार

“अदना सा तो सपना है आ ऊहो पर हंगामा है । बोलता है संतुष्ट रहो; ईहो कोई बात है, काहे रहें ? है ही का हमरे पास, एगो छोटका गो कमरा, एगो अखड़ा खाट आ एगो पड़ोसी का जंगला. गाम में एगो कठही गाड़ी था ऊहो.

सत्कार और तिरस्कार का महत्व

एक थका-मादा शिल्पकार लंबी यात्रा के बाद किसी छायादार वृक्ष के नीचे विश्राम के लिये बैठ गया । अचानक उसे सामने एक पत्थर का टुकड़ा पड़ा दिखाई दिया ।

और उसने गुस्से में फोन काट दिया

काली रात ! बादलों ने पुरे आकाश को ढँक रखा है । हवा में एक अजीब सा सन्नाटा है । कमरे में बैठा अकेले अपने धुनों में मग्न कुछ सोच रहा था कि मोबाइल का घंटी घनघनाने लगा ।

प्रेरणात्मक कथा – माँ के आँसू

माँ के आँसू –  यह उसकी अपनी माँ से अंतिम मुलाकात थी, हालाँकि तब उसे इस बात का इल्म नहीं था । वह शहर लोटते समय माँ से विदाई ले रहा था, तो माँ फुट-फुट कर रो पड़ी थी । वह लगातार रोए जा रही थी । उसे थोड़ा आश्चर्य हुआ था कि माँ इतना तो कभी नहीं रोई । वह कुछ समझ नहीं पाया ……..

बाबाक संस्कार – हरिमोहन झा

श्री हरिमोहन झा की रचना जो मैथली में है । ( बाबाक संस्कार ) मैथली साहित्य की अत्यंत प्रचलित रचना है । जिसमें समाज का वास्तविक स्वरूप को प्रतिबिम्बित कर व्यंग किया गया है । पढिये इस कथा का हिंदी अनुवाद !

बुद्धिमानी, फुर्ती व स्मार्ट वर्क के मायने

प्रिय पाठकों प्रस्तुत है, एक लघु कथा “स्मार्ट वर्क” आज के दौर में अगर आपको तरक्की के ऊंचाईयों को छूना है तो आपको अपने काम में मेहनत के साथ – साथ काम करने के तौर – तरीके में फुर्ती व स्मार्टनेस लाना बहूत ही आवश्यक है । आगे …. 

प्रेरक प्रसंग संन्यासी कौन

प्रस्तुत है. यूग पुरुष स्वामी विवेकानंद से संबंधित एक प्रसंग जिसे पढने के बाद आप स्वत: समझ जायेंगे की वास्तव में सन्यासी कौन होते है.

जीवन का सदुपयोग ; महर्षि  रमण

प्रिय पाठकों हमारे ज़िन्दगी  में कभी – कभी ऐसा वक्त आता है, जब हम अपने ही घर की समस्या से तंग आ कर अपने ही जीवन को व्यर्थ समझने लगते है । मित्रों प्रस्तुत है एक लघु कथा – महर्षि  रमण के