नारीवाद का प्रतीक हैं जगत जननी जानकी

सीता आत्मत्याग तथा शुद्धता का प्रतीक हैं, वह केवल गुणवान पत्नी ही नहीं बल्कि साहसी तथा बहादुर महिला हैं, वह एक निर्भीक स्त्री हैं जिन्होंने रावण का अपराजेय प्रतिरोध किया।

 क्या राम सामाजिक भेदभाव के पक्षधर थे ?

वर्तमान मान्यताओं के अनुसार राम के होने का कालखण्ड आज से करीबन नौ-दस हजार वर्ष पूर्व पर जाकर ठहरता है. यद्यपि भारतीय पौराणिक मान्यताओं से देखेंगे तो यह कालावधि और…

अग्निपरीक्षा का सत्य क्या है ?

अग्निपरीक्षा रामायण के उन प्रसंगों में से एक है, जहां कथा-नायक राम के चरित्र पर भी प्रश्न खड़े हो जाते हैं. अग्निपरीक्षा को लेकर मेरी समझ में लोगों के बीच…

क्या विभीषण राष्ट्रद्रोही थे ?

विभीषण रामायण के एक ऐसे पात्र हैं, जिनके प्रति लोकमान्यताओं में बहुत द्वंद्व है. समाज में उन्हें एक ही साथ अच्छा और बुरा दोनों माना जाता है. राम का साथ…

महाशिवरात्रि का अर्थ !

भगवान शिव आदियोगी हैं. योग के जन्मदाता और आदिगुरु. योगियों और सन्यासियों के लिए महाशिवरात्रि वह रात्रि है जब लंबी साधना के बाद शिव को योग की उच्चतम उपलब्धियां हासिल हुई थीं.

जानिये दुःख से मुक्ति के आठ रास्ते

बुद्ध दुःख से मुक्ति के लिए आठ रस्ते बताये थे, ताकि हमारा जीवन शांतिपूर्ण और आनंदित हो सके । Buddha के मार्ग पर चलने के लिए नित जीवन में हमें आठ बातों को वरण करना होगा…

सुख शांति के मंत्र – गौतम बुद्ध

“दुःख के कारण तुम हो, तुम्हारे सुख के कारण तुम हो और दूसरों को दुःख देने से तुम कभी सुख न पा सकोगे । दूसरों को सताने से तुम कभी उत्सव न मना सकोगे ।”

प्रेम में स्वतंत्रा क्यों- वासुदेव श्री कृष्ण

प्रेम की स्वतंत्रा के विषय में श्री कृष्ण वासुदेव के उपदेश. प्रेम में स्वतंत्रा क्यों ? तनिक सोचिये, यदि जल को मुट्ठी में कस के बांधे तो जल कैसे

विश्वास से पहले अविश्वास के विज्ञान को जानें

मनुष्य अपना जीवन विश्वास पर जीता है । परन्तु विश्वास किसका तनिक सोचिये किस पर विश्वास है आपको – महापुरुषों के कही बातों पर,  ग्रंथो में लिखे ज्ञान पर,  माता-पिता की सीख पर  या मेरी कही बातों पर  ये सब विश्वास अपूर्ण हैं । 

महात्मा बुद्ध- एशिया के ज्योति-पुंज

एशिया के ज्योति-पुंज (Light of Asia) कहें जाने वाले, बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध के जीवन का संछिप्त परिचय, धर्म-दर्शन एवं प्रेरणात्मक विचार.