नारीवाद का प्रतीक हैं जगत जननी जानकी
सीता आत्मत्याग तथा शुद्धता का प्रतीक हैं, वह केवल गुणवान पत्नी ही नहीं बल्कि साहसी तथा बहादुर महिला हैं, वह एक निर्भीक स्त्री हैं जिन्होंने रावण का अपराजेय प्रतिरोध किया।
सीता आत्मत्याग तथा शुद्धता का प्रतीक हैं, वह केवल गुणवान पत्नी ही नहीं बल्कि साहसी तथा बहादुर महिला हैं, वह एक निर्भीक स्त्री हैं जिन्होंने रावण का अपराजेय प्रतिरोध किया।
भगवान शिव आदियोगी हैं. योग के जन्मदाता और आदिगुरु. योगियों और सन्यासियों के लिए महाशिवरात्रि वह रात्रि है जब लंबी साधना के बाद शिव को योग की उच्चतम उपलब्धियां हासिल हुई थीं.
बुद्ध दुःख से मुक्ति के लिए आठ रस्ते बताये थे, ताकि हमारा जीवन शांतिपूर्ण और आनंदित हो सके । Buddha के मार्ग पर चलने के लिए नित जीवन में हमें आठ बातों को वरण करना होगा…
“दुःख के कारण तुम हो, तुम्हारे सुख के कारण तुम हो और दूसरों को दुःख देने से तुम कभी सुख न पा सकोगे । दूसरों को सताने से तुम कभी उत्सव न मना सकोगे ।”
प्रेम की स्वतंत्रा के विषय में श्री कृष्ण वासुदेव के उपदेश. प्रेम में स्वतंत्रा क्यों ? तनिक सोचिये, यदि जल को मुट्ठी में कस के बांधे तो जल कैसे
मनुष्य अपना जीवन विश्वास पर जीता है । परन्तु विश्वास किसका तनिक सोचिये किस पर विश्वास है आपको – महापुरुषों के कही बातों पर, ग्रंथो में लिखे ज्ञान पर, माता-पिता की सीख पर या मेरी कही बातों पर ये सब विश्वास अपूर्ण हैं ।
एशिया के ज्योति-पुंज (Light of Asia) कहें जाने वाले, बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध के जीवन का संछिप्त परिचय, धर्म-दर्शन एवं प्रेरणात्मक विचार.