सोच ही हमारी दिशा और दशा तय करती है

गर्मी की छुट्टी में मैं अपने फुआ के यहाँ गया हुआ था. उस समय दुसरे शहर से मेरी फुआ की हमउम्र एक रिलेटिव आई थी. एक-दो दिन तो सब ठीक रहा, तीसरे दिन मौका देख कर उन्होंने मेरे सामने ही, फुआ जी के कान भरने  शुरू कर दिए, ‘तुम खुद को बहूत समझदार समझती हो, … Continue reading सोच ही हमारी दिशा और दशा तय करती है