सकारात्मक जीवन दर्शन Positive Life Philosophy in hindi

सकारात्मकता डॉ. कलाम का जीवन दर्शन (Life Philosophy by Kalaam) था उनका कहना था । गिलाश आधा भरा है. आधा ही नहीं पूरा भरा है. आधा पानी से. आधा हवा से. पूरा भरा नहीं छलक रहा है. हमारे अच्छे कर्मो से !

Dr.-APJ-Abdul-Kalam

डॉ कलाम लिखते हैं कि प्रतिदिन सुबह उठकर पाँच वाक्य स्वयं से आवश्य बोलो –

  1. मैं सर्वश्रेष्ठ हूँ – I am the best.

  2. मैं कर सकता हूँ – Yes, I can.

  3. ईश्वर मेरे साथ है – God is with me.

  4. मैं विजेता हूँ – I am the winner.

  5. आज मेरा दिन है – The day is mine.

डॉ कलाम का मानना था कि जैसी सोच रखोगे. वैसे ही बनोगे –

  1. सफलता का रहस्य क्या है ? – सही निर्णय – The Right Decision

  2. सही निर्णय कैसे मिलेंगे ? – अनुभव से – The Experience

  3. अनुभव कैसे मिलेगा ? – तत्कालिन असफ़लता से – Instant Failure

इस प्रकार उनका कहना था. जीवन में असफलता कभी नहीं होती. या तो हम सफल होते हैं. या सिख मिलती है. बच्चो से कहते थे. ‘अनुतीर्ण’, ( फलियर ) शब्दों को भूल जाओ. गिरो तो फिर उठो, चलते रहो, सफलता मिलेगी ही. समस्याएँ सभी के साथ हैँ, हमारा विवेक हमारी सोच पर निर्भर करता है,

अब्दुल कलाम लिखते हैं  कि “अंधेरे को कोसते रहने से अच्छा है की एक दीपक जलाया जाय” हर काली रात के बाद उजली सुबह आती है. ईश्वर हर प्रार्थना का उत्तर देते है. आस्था, आशा, विश्वास से हर समस्या का समाधान मिलेगा , जो मिला है. ईश्वर का प्रसाद मानकर ग्रहण करो, प्रायस करना मत छोड़ो !


अगर आपको यह content अच्छा लगा तो कृपया शेयर करना न भूलें !

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *