बाबा नागार्जुन की कविताएँ

प्रस्तुत है, वैद्यनाथ मिश्र “यात्री” यानी बाबा नागार्जुन की कविताएँ बादल को घिरते देखा है,  कालिदास! सच-सच बतलाना !, बांकी बच गया अंडा, इन घुच्ची आँखों में, अकाल और उसके बाद । बाबा नागार्जुन की कविताएँ  / Nagarjun Poems In Hindi बादल को घिरते देखा है अमल धवल गिरि के शिखरों पर, बादल को घिरते देखा है। छोटे-छोटे मोती जैसे … Continue reading बाबा नागार्जुन की कविताएँ