मैं, मेरा गाँव और आम का गाछी

मेरे गाछी का बम्बई आम बोना गया है गजपक्कू मुझे बहुत पसंद है इसलिए मेरे बार-बार व्यस्तता बताने के बावजूद माँ का आदेश था की कल सुबह आम टूटने से पहले गाँव पहुँचो ! उम्र के लिहाज से युवा अवस्था मे प्रवेश कर चुका हूँ लेकिन दिल से बच्चा रजनीश को क्या और कौन पसन्द है माँ से बेहतर कौन समझेगा भला ।

बीते 5 वर्षों से मेरे गाछी में मचान नहीं बनता, मेरे पीढ़ी के मैं और मेरे सभी दोस्त पलायन कर चुके हैं । हरीश काका किशनभोग के नीचे अब खाट नहीं लगाते पिछले बार जब मुआयना करने गाछी पहुँचा तो बोरिंग वाला खत्ता भी सुख चुका था जिसमें हमलोग मैदान के बाद पैनछु करते थे । लाल बाबा का गाछी मंजर के वक्त ही शहरी साहूकार के हाथों बिक चुका था और आम का पेड़ बाबा के सारा को छाया देते हुए कह रहा था कि मेरे जड़ में गोबर नहीं कैमिकल दिया जा रहा है!

mango tree in village

अब चोकरहि पर कटहर चोरी का पंचायत नहीं बैठता, मेरे पीढ़ी का सभी सीज़नल चोर पैसा कौड़ी के इंतज़ामात में गाँव छोड़ चुके हैं और मैं स्नातकोत्तर के बावजूद बेरोजगार हूँ ! क्योंकि सरकारें कहती है उच्च शिक्षा लेकर लोग परिपक्व हो जाते हैं और राजनीति को प्रभावित करते हैं इसलिए स्किल डेवलप कीजिए और मजदूरी कीजिए । फ़िलहाल मैं गाँव जा रहा हूँ मेरे पिताजी बहुत खुश होंगे जब उनका बेरोजगार बेटा गाछ पे छरप-छरप के आम तोड़ेगा, दोस्तों के साथ बैठ के सुप्पक गोपी गजपक्कू का आनंद लेगा । मेरी बहन ऋचा का भी बहुत मन था की मैं आऊँ, मैं आ रहा हूँ ! शाम तक लौट जाऊँगा !


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