अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ कोई व्यक्ति व समाज साक्षर हैं या नहीं इस विषय को हमलोग किताबी शिक्षा तक सिमित नहीं कर सकते. वास्तव में साक्षरता का अर्थ होता है अपने अधिकार अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूकता ला कर समाज को विकास की और अग्रसर करना. अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस यूनेस्को द्वारा 7 नवंबर 1965 को तय की गई तिथि 8 सितम्बर को हर वर्ष मनाया जाता है. 1966 से यह दिवस मनाया जाता रहा है. इसका मूल उद्देश्य पुरे विश्व के व्यक्ति समुदायों को साक्षरता का महत्व समझाना है.  1966 के तुलना में आज विश्व के साक्षरता दर में काफी सुधार आया है. और भी सुधार की बहूत आवश्यकता है जब तक समाज का अंतिम व्यक्ति अपने अधिकार और अपने कर्तव्य को न समझने लगे.

भारत में, गरीबी, लिंगानुपात, स्वस्थ, बेरोजगारी, पलायन जातिवाद और आतंकवाद ऐसे विषय हैं जो हमारे समाज को खोखला कर रहा है. और इसका समाधान एक मात्र साक्षरता है.

2011 के जनगणना के अनुसार भारत में साक्षरता दर 75.06% है, जो की 1947 मे मात्र 18 % थी. भारत मे साक्षरता के मामले मे पुरुष और महिलाओं मे काफ़ी अंतर है जहाँ पुरुषों की साक्षरता दर 82.14 % है वहीं महिलाओं में इसका प्रतिशत केवल 65.46 %  है.

केंद्र सरकार व राज्य सरकारें साक्षरता के विषय पर सर्वशिक्षा अभियान व अन्य योजनाओं के माध्यम से प्रयास कर रही हैं. परन्तु हमारा भी यह कर्तव्य बनता हैं की अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को साक्षर बनाने में अपनी भूमिका प्रस्तुत करें. अधिकांशत: भारतीय समाज में महिलाओं के शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता है. परन्तु हम यह बखूवी समझते हैं की परिवार की एक महिला अगर साक्षर होती हैं तो पूरा परिवार साक्षर हो जाता है. तो आईये अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर हम सभी संकल्प लें और अपने अधिकार और कर्तव्य के प्रति सजग बने और एक शिक्षित राष्ट्र का निर्माण करें. जय हिन्द !

  • रजनीश प्रियदर्शी