’गाँव-गरीब-दलित-महादलित-किसान-मजदूर-अल्पसंख्यक-हिन्दू-मुसलमान’

“किडनी पर ज्यादा लोड मत लो राजू…..मैंने पहले ही समझाया था….शहर छोड़कर गाँव मत आओ…जब-तक सूट-बूट में हो तभी तक सरकार है, हमारी तरह लुंगी-गंजी-कुदाल से पहचान होगी तो सिर्फ सरकारी जुबान में रहोगे…’गाँव-गरीब-दलित-महादलित-किसान-मजदूर-अल्पसंख्यक-हिन्दू-मुसलमान’….पर तुमने मेरी सुनी कहा….अब भुगतो” “हद है इस्माइल चाचा…कहता है काम तो बहुत अच्छा कर रहे हो आप राजू साहब…. पर … Continue reading ’गाँव-गरीब-दलित-महादलित-किसान-मजदूर-अल्पसंख्यक-हिन्दू-मुसलमान’