दुनिया की सबसे करुण प्रेमकथा

इन दिनों खोज-खोजकर प्राचीन विश्व की कुछ मिथकीय प्रेम-कहानियों के बारे में पढ़ रहा हूं। इनमें से ज्यादातर कहानियों का अंत बहुत त्रासद हुआ है। दुनिया भर में कही-सुनी जानेवाली ऐसी त्रासद प्रेमकथाओं में आयरलैंड की एक प्राचीन कहानी का ज़िक्र प्रमुख रूप से होता है।

दो शहरों की कहानी

एक मुसाफिर ने सड़क के किनारे बैठी महिला से पूछा, आगे जो शहर आने वाला है, उस शहर के लोग कैसे हैं ? ‘तूम जहाँ से आ रहे हो वहाँ के लोग कैसे थे ?’ – महिला ने पूछा.

एक प्रेरणात्मक हिंदी कहानी

गाँव में एक किसान रहता था जो दूध से दही और मक्खन बनाकर बेचने का काम करता था । एक दिन उसकी बीवी ने उसे मक्खन तैयार करके दिया वो उसे बेचने के लिए अपने गाँव से शहर की तरफ रवाना हुवा ।

संत रविदास और पथिक – प्रेरक प्रसंग

सुमिरन करते हुए अपने कार्य में तत्लीन रहने वाले संत रविदास जी आज भी अपने जूती गांठने के कार्य में तल्लीन थे, अरे..! मेरी जूती थोड़ी टूट गई है इसे गाँठ दो.. राह गुजरते एक पथिक ने  रविदास जी से थोड़ा दूर खड़े हो कर कहा ।

लघुकथा – सर्वश्रेष्ठ चित्रकार

लघुकथा – “सर्वश्रेष्ठ चित्रकार” एक समय की बात है । एक राजा ने घोषणा किया, कि शांति का सबसे अच्छा चित्र बनाने वाले चित्रकार को पुरस्कृत किया जाएगा । इस प्रतियोगिता के लिए हजारों  चित्रकारों ने अपने चित्र भेजे, पर राजा को उन में से दो ही पसंद आए । अब उसे इन्हीं में से विजेता का फैसला करना था….

मैं अपने घर का बादशाह हूँ

उपन्यास सम्राट प्रेमचंद अत्यंत स्वाभिमानी प्रकृति के व्यक्ति थे । उन्होंने तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रस्तावित राय साहब की उपाधि लेने से इनकार कर दिया था, और कहा था । “मैं जनता का लेखक हूं, और जनता के लिए ही लिखते रहना चाहता हूं । रायसाहब बनने के बाद मुझे सरकार के लिए लिखना पड़ेगा । जो मुझे कतई स्वीकार नहीं है । “