यह तुष्टीकरण नहीं तो क्या संतुष्टिकरण है
जब आप अपने बेटी को अच्छे स्कूल में नहीं पढाते ! बचपन से ही उसके दिमाग में यह देते हैं की पैसे कम हैं …!! तो तुम्हारा भाई ही अच्छा स्कूल में पढ़ सकता है. यह तुष्टीकरण नहीं..
जब आप अपने बेटी को अच्छे स्कूल में नहीं पढाते ! बचपन से ही उसके दिमाग में यह देते हैं की पैसे कम हैं …!! तो तुम्हारा भाई ही अच्छा स्कूल में पढ़ सकता है. यह तुष्टीकरण नहीं..
NRB (None residential Bihari) हैं ! दिल्ली-बॉम्बे से सोच कर ये चले थे. माँ बाप का ख्याल पिछले एक महिना से दिलो दिमाग मे छाया हुआ था.
सीना ठीक कर उस अधेर उम्र के व्यक्ति ने भड़ी बस में बोला था. सरकार राशन बँटना बंद करे. दिल तो मेरा भी मचला, दिमाग में गुस्सा को साया लहराने लगा जबाब देने को, उलझा तो था ही परंतु कुछ सोच पीछे हट गया.
यह खत 5 अप्रेल 1929 को एसेंबली में बम फेंकने से पहले भगतसिंह द्वारा सीताराम बाजार हाउस दिल्ली में लिखा गया था. जिसे सुखदेव तक शिव वर्मा ने पहुंचाया.
अशोक के पेड़ के झुरमुट से उसकी खिड़की झाँकती है । जब भी आसमान में काले बादल छाते, तो वो खिड़की के कोने से आसमान को निहारने आ जाया करती । यूँ लगता है जैसे काले बादल के उन्मुक्तता को….
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जी अपनी पोती आराध्य और नातिन नव्या के नाम एक पत्र लिखे जो बेटियों के लिए सबक और समाज के लिए नसीहत है.
सामाजिक कार्य करते हुए अगर आपको पुलिस पकड़ कर हवालात में बंद करती है, और हवालात के बाहर कोई आपके समर्थन में नहीं दिखता है तो ये कमी