Bhartiya Goraiya pakshi Khud mein ek aitihasik katha banti ja rahi hai

भारतीय गोरैया पक्षी : खुद में ऐतिहासिक कथा बनती जा रही !

हे फुतकी गोरैया ! गोरैया पक्षी (Sparrow Birds) की एक युगल जोड़ी सप्ताह में एक दिन कहीं से उड़ मेरे आंगन आती हैं । मेरे यहाँ कबूतर है, सोचा-- वे…
Sex ki samasya aur samadhan

सेक्स की समस्या और समाधान

सेक्स की इतनी अधिक समस्याएं मनुष्य की मूढ़ता के कारण पैदा हुई हैं । बहुत ही सुगमता से इसमें प्रवेश कर इसका आनंद उठाया जा सकता है और इसके बाद…
Vaishvik chintan ke saath gatimaan hai Maithili sahitya

वैश्विक चिंतन के साथ गतिमान है मैथिली साहित्य

साहित्य हमेशा मानव जाति के लिए, मानवीय कल्याण के लिए दृष्टि विस्तार की बात करता है। साहित्य लेखन को ठीक से देखा जाए तो लगेगा साहित्य समाज के लिए समालोचक…
Kabir ne kise kaha hai naiher aur kise sasuraal?

कबीर ने किसे कहा है नैहर और किसे ससुराल ?

कबीर का एक पद है जिसमें जिक्र आया है कि नैहर में उनका मन नहीं लग रहा है, वह ससुराल जाना चाहती है । कबीर ने अपने को स्त्री बना लिया है । क्यों ? यह बाद में देखेंगे । पहले पद की कुछ पंक्तियां रख लेते हैं । इससे विचार करने में सुविधा रहेगी—

Vidya wahi jo sanskaron se mukti dila de

विद्या वही जो संस्कारों से मुक्ति दिला दे

वीडियो में जब शेर को किसी पशु का पीछा करते हुए देखता हूँ तो मेरी सारी संवेदना जान बचाने के लिए बेतहाशा भागते हुए पशुओं के पक्ष में हो जाती है । उस समय ऐसा तादात्म्य हो जाता है कि लगता है, पशु के साथ मेरे प्राण भी भागे जा रहे हैं । अगर वह बच गया तो प्राण लौट आते हैं ।

Haath chhoote bhi to rishte nahin chhoota karte

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छूटा करते

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है- ऐसा कभी अरस्तु ने कहा था। कभी-कभी सोचता हूं गर संसार में रिश्ते नहीं होते तो भी क्या मनुष्य सामाजिक प्राणी होता ! या फिर समाज का निर्माण हीं संभव हो पाता ! नहीं ना ।

मूलकणों की अद्भुत दुनिया

चलिए हमलोग  प्राथमिक कणों के खूबसूरत और कौतूहलपूर्ण संसार की सैर करते हैं. प्राथमिक या मूलभूत कण अर्थात जो अन्य कणों से मिलकर नहीं बने हों.

बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम


आज ‘प्रोपोज डे’ की धूम देखकर अपनी नाकाम जवानी पर अफ़सोस हुआ. हमारी पीढ़ी में अपने सपनों की मलिका के सामने प्रेम का प्रस्ताव रखने का साह्स कम ही होता था.

पत्रकार, पत्रकारिता और अटल जी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एम्स में निधन हो गया । पूरे देश में शोक की लहर फैल गयी। लोग अपने-अपने तरीके से उन्हें याद कर रहे हैं। वाजपेयी जी को याद करने के कई कारण हैं। देश उन्हें केवल एक प्रधानमंत्री के रूप में ही नहीं बल्कि एक पत्रकार, कवि, ओजस्वी वक्ता, राजनीति के आजातशत्रु होने के साथ एक पत्रकार के रूप में भी जानता है । 

हो जाएं सचेत ! लगातार बढ़ रहा है ‘जुवेनाइल क्राइम’

वैसे तो हिंसा हमारी प्रवृति में शामिल हो गयी है और ये एक वैश्विक समस्या के रूप में उभर रहा है । चाहे रेयन इंटरनेशनल स्कूल में 16 वर्ष के बच्चे की हत्या हो या हरियाणा में 18 वर्ष के बच्चे द्वारा स्कूल प्रिंसिपल की हत्या या फिर सहरसा में लगातार हो रही हिंसा, युवाओं की संलिप्तता लगातार बढ़ रही है। ये हमारे समाज के लिए एक अलार्मिंग सिचुएशन है और इसपर समय रहते काबू पाना होगा। यहाँ बिंदुवार कुछ कारणों को मैं इंगित करना चाहूँगा