जाति नहीं व्यव्स्था बदलो ; अविनाश

उस दलित बस्ती के चौक पर बैठकर ब्राह्मण होने के कारण हमने जितनी गालियां सुनी थी उसकी कल्पना हमने सपनों में भी नहीं की थी । सच कहूं उस दिन मुझे पता चला मैं ब्राह्मण हूं, नहीं तो देश के विभिन्न… कोनो में काम करते वक्त अपने आप को मैंने एक सामाजिक कार्यकर्ता ही समझा … Continue reading जाति नहीं व्यव्स्था बदलो ; अविनाश