सरस्वती पूजन के महात्म्य
वसंत का आगमन होते ही, सरस्वती पूजा का आगमन एवं होली का दस्तक सदिओं से युवाओं को उत्साहित करता आ रहा है.
वसंत का आगमन होते ही, सरस्वती पूजा का आगमन एवं होली का दस्तक सदिओं से युवाओं को उत्साहित करता आ रहा है.
महान गणितज्ञ, रहस्यवादी एवं वैज्ञानिक जिन्होंने ज्यमिति में एक प्रमेय की स्थपना की ( p² + b² = h² ) जिसे पाईथागोरस प्रमेय कहा जाता है.
यह लेख एक बच्ची और उसके परिवार से संबंधित है, यह एक हक़ीकत घटना है, कोलकाता के साल्ट लेक क्षेत्र के एक अंग्रेजी मीडियम स्कूल की, जिसमें
महान वैज्ञानिक मैडम क्यूरी एक रसियन मूल की महिला थी, जिन्होंने 1898 में अपने पति के साथ मिल कर रेडियम और पोलोनियम का आविष्कार किया, रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए इन्हें 1903 में नावेल पुरस्कार भी मिला. जन्म : 7 नवम्बर 1867 एवं अवसान : 4 जुलाई 1934 .
यूनानी दार्शनिक एपिकुरूस महोदय का जन्म : 341 BC अवसान : 270 BC, ये आनंदवाद के संस्थापक थे. इस पर इन्होंने तकरीबन 300 पृष्ठ लिखें होंगे, जिनमे कुछ पत्र ही बचे हुए हैं. इन्होंने एपिकुरिज्म स्कूल की स्थापना भी की थी.
आधुनिक उर्दू और फारसी साहित्य को एक नया मुकाम, एक नई जिन्दगी, एक नई रोशनी देने वाला कवी और ‘तराना-ए-हिन्द’ का शायर, मोहम्मद इक़बाल , इन्होंने कहा, “कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी”
यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक प्लेटो महान दार्शनिक सुकरात के शिष्य थे. एवं अरस्तु के गरु. इन तीनों दार्शनिकों ने पश्चिमी संस्कृति का धार्मिक आधार तैयार किया. “प्रेम एक गंभीर मानसिक रोग है।”– प्लेटो
पढिये दुष्यंत कुमार की लोकप्रिय प्रेरणात्मक कविताएँ “हो गई है पीर- पर्वत सी / कुछ भी बन बस, कायर मत बन / और ये जो शहतीर है“
प्रिय पाठकों प्रस्तुत है, दुनियां के मशहुर शायरों की प्रेरणात्मक शायरियाँ …जिनमें मिर्ज़ा ग़ालिब, मोहम्मद इक़बाल, अकबर इलाहाबादी, मुनव्वर राणा, बशीर बद्र, अहमद फ़राज, जौहर, अख्तर अंसारी, बहज़ाद लखनवी, फ़िराक, गुलज़ार…इत्यादि शायरों की शायरियाँ….
वर्तमान में विभिन्न संस्थानों में व्यक्तित्व-विकास से संबंधित शिक्षा का प्रसार हो रहा है. व्यक्तित्व-विकास के साथ ही हम एक सभ्य समाज की कल्पना कर सकते हैं. तो आईये जाने व्यक्तित्व-विकास के मुलभुत तत्व एवं तर्क.