बिहार में बाढ़ का कहर- मुद्दा, स्वरुप और समाधान
रात को पानी की आवाज़ बहुत भयानक होती है, दूर कहीं चर-चाँचर में पानी गिरने की आवाज़, कुत्ते-बिल्लियों के क्रंदन और खूटें पर बंधे मवेशी की छटपटाहट बहुत डरावनी होती है | बाढ़ का स्वरुप विकराल होता है |
रात को पानी की आवाज़ बहुत भयानक होती है, दूर कहीं चर-चाँचर में पानी गिरने की आवाज़, कुत्ते-बिल्लियों के क्रंदन और खूटें पर बंधे मवेशी की छटपटाहट बहुत डरावनी होती है | बाढ़ का स्वरुप विकराल होता है |
“संयम” पर कुछ प्रसिद्ध उद्धरण. मानव जीवन में सफल होने के लिए इन्द्रिय संयम, अर्थ संयम, समय संयम नितांत आवश्यक है. आईए पढ़ते हैं “संयम” पर कुछ महान आत्माओं के विचार.
“मित्रता पर प्रसिद्ध उद्धरण” Famous quotes on friendship विचार बिंदु के इस अंक में पढिये महान विचारकों के मित्रता पर कुछ प्रसिद्ध विचार.
“कवियत्री भारती झा की पाँच कविताएँ” भारती झा दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा हैं । साहित्य में रूचि रखती हैं, हिंदी तथा मैथिली में निरंतर कविताएँ लिखती हैं । आईये विचारबिंदु के इस अंक में पढ़ते हैं इनकी हिंदी की कविताएँ ।
“बोए जाते हैं बेटे, उग जाती है बेटियाँ”, विचार बिंदु के इस अंक में प्रस्तुत है दिल्ली विश्व-विद्यालय से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर कर रहीं रचना झा का आलेख “बेटियाँ” ।
शहंशाह-ए-तरन्नुम – मोहम्मद रफ़ी हिंदी सिनेमा के श्रेष्ठतम पार्श्व गायकों में से एक थे। आईये इनके पुण्यतिथि पर पढ़ते एवं सुनते हैं इनके प्रिसिद्ध संगीत
भारत का वो हिस्सा जो कभी ज्यादा लाइम-लाइट में नहीं रहा था । एक ऐसा जगह जिसे न पूरा भारत जानता था और न कभी अखबारों में सुर्खियों बनकर आया । वो जगह है कारगिल ।
लघुकथा – “सर्वश्रेष्ठ चित्रकार” एक समय की बात है । एक राजा ने घोषणा किया, कि शांति का सबसे अच्छा चित्र बनाने वाले चित्रकार को पुरस्कृत किया जाएगा । इस प्रतियोगिता के लिए हजारों चित्रकारों ने अपने चित्र भेजे, पर राजा को उन में से दो ही पसंद आए । अब उसे इन्हीं में से विजेता का फैसला करना था….
डायरी के पन्नों से – ‘मन में उमड़ता यादों का सावन’, विश्व साहित्य से लेकर अपने लोक भाषा के साहित्य में रूचि रखने वाले बालमुकुन्द एक समीक्षक, आलोचक, कवि एवं प्रेम से भींगे हुए इंसान हैं । और ये इंसान जब कभी प्रेम की बात लिखता है तो लगता है कि कहानी का सारा किरदार बिखरकर हमारे आसपास आ गया है….
आज सुबह से ही मौसम काफ़ी अच्छा था, घर से ऑफिस के लिए अभी निकला ही था कि बारिश शुरू हो गयी, सामने एक मकान था तो फटफटिया खड़ा कर छज्जे के नीचें शरण लिया, काफ़ी देर तक